मंगलवार, 28 अप्रैल 2020

Epidemic महामारी

महामारी   एवं  सावधानियाँ 
  आज एक वैश्विक महामारी  उभर कर आयी  है | जो सम्पूर्ण विश्व को प्रभावित कर रहा है | 

 आज हम सब इस महामारी के प्रभाव  से भली भाती परिचित है| तमाम देशो की सरकारों ने अपनी तरफ से इसे रोकने और निपटने का भरपूर प्रयाश कर रही है | 

  हर  देश ने भी संकट की इस घडी में अपना पूरा सहयोग दिया है और आगे भी देते रहेंगे|  ऐसा करना सबके लिए बहुत ही आवश्यक भी है.  

इस से निपटने के लिए हम सब को अपनी सरकार की बताई गयी बातो को मानना चाहिए | चाहे हम किसी भी देश में रह रहे हो | एक जुट होकर ही हम इसका मुकाबला कर सकते है | 

Epidemic and precautions

  Today a global epidemic has emerged. Which is affecting the whole world.



 Today we are all well aware of the effects of this epidemic. Governments of all countries are making every effort to stop and deal with it on their behalf.



  Every country has also given its full support in this time of crisis and will continue to do so. It is also very important for everyone to do this.



To deal with this, all of us should obey our government's stated statements. Whether we are living in any country. Only by getting together can we fight it.

सावधानियाँ 
१.सामाजिक दूरी बनाये रखें 
सामाजिक दूरी हमें एक दूसरे में संक्रमण फैलने के खतरे को कम कर देगा | हमें बीमारी से बचाएगा | 
Precautions

1. Maintain social distance

Social distance will reduce the risk of spreading infection to each other. Will protect us from disease.

२ मास्क पहनना 
हमेशा बहार मास्क लगा कर ही जाना  चाहिए | और अगर घर में भी किसी को सर्दी जुकाम इत्यादि हुआ हो तो भी उस आदमी को भी मास्क पहनना चाहिये | 
Wearing  masks

Always go outside with a mask. And even if someone has a cold, etc. in the house, that person should also wear a mask.

३ सेनिटाइज़र  एवं साबुन का इस्तेमाल 
अपने हाथो को साबुन से बार बार  धोइये | खासकर कुछ खाने से पहले  ,किसी बाहरी बस्तु या सतह को छूने के बाद और दिन में पांच से छः  बार ऐसा अवश्य करे | 
Use of sanitizer and soap

Wash your hands frequently with soap. Especially before eating anything, after touching any external object or surface and must do this five to six times a day.


४ छींकने एवं खासते समय मुँह को ढके 
छींकने एवं खासते समय मुँह को ढके जिससे किसी और के ऊपर इन्फेक्शन की बूंदे जो की विषाणु युक्त हो सकती है और इन्फेक्शन के खतरे को बढ़ा एवं फैला सकती है | 
Cover the mouth when sneezing and especially

When sneezing and especially covering the mouth so that the infection drops on someone else which may be virus-like and can increase and spread the risk of infection.


५ घर पर रहे 
ज्यादा से ज्यादा समय घर पर रहे जब तक बहुत आवश्यक न हो तो बहार न जाए | 
Stay at home

Stay at home for maximum time unless it is very important, so do not go outside.

६ घर के दरवाज़ों  एवं  हैंडल को साफ करते रहे 
घर के दरवाज़ों के हैंडल एवं जरुरी चीजों को साफ और सेनिटाइज करते रहे. | 
Cleaning the doors and handles of the house

 kept the door handles and the necessary things clean and sanitized.

७ सब्जी फल अच्छी तरह से धुले 
सब्जी फल अच्छी तरह से धुलकर इस्तेमाल करे | 
Vegetable fruits washed well

Use the vegetable fruits thoroughly.

८ पौष्टिक पदार्थ का सेवन करे 
हमेशा पौष्टिक पदार्थ का सेवन करे | यह हमारी रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है 
Eat nutritious food

Always eat nutritious food. It enhances our immunity

९  योग  एवं व्यायम करे 
योग एवं व्यायाम भी हमें ऊर्जावान अवं रोगो से लड़ने में मदद करते है | 
Do yoga and exercise

Yoga and exercise also help us to fight diseases.and energetic

१० डर और अफवाहों से बचे 
अफवाहों एवं डर से बचे और हमेशा खुश रहे | 
Avoid fear and rumors

Avoid rumors and fear and always be happy.


रविवार, 26 अप्रैल 2020

पंक्षी विचार

पंक्षी  विचार

सूरज    निकला    बृहंग    दलों    ने ,किया     मधुर     स्वर     गान |
करते  चहुँ   दिश   कह -कह   चह -चह ,  आपस   में   सब   बात || 

पृथ्वी    से   आकाश    तलक ,    चर्चा   है     आज     की      शाम | 
बस   हो    पराया    धन   अपना ,  सबके    मन   में    एक    बात || 

धर्म   -  अधर्म   को   नहीं   जानते ,  करते   आपस   में   सब   मार| 
कोई     मारय    कोई    काटय ,    कोई     लेकर     भागे     माल || 

कोई    रोवय    कोई     गावय ,    कोई     करता     तेज     प्रलाप | 
नहीं   किसी    की   कोई   सुनता ,  करते   आपस   में   सब  पाप || 

नहीं     जानता    है    मनुष्य ,   की    कितना    नश्वर    है     संसार | 
शांति   और   सदभाव   बनाओ ,  नहीं   हो    किसी   से   दुर्व्यहार || 

पंक्षी     गये     घोसले     में,     मन     में     करते     एक     विचार |
नहीं   जानता    है    मनुष्य ,  की    कितना    नश्वर     है      संसार || 

अरे    मनुष्य   बनो   तुम   ऐसे   ,  जग   में   कर   दो   अपना  नाम | 
वर्ना   उम्र    कटेगी    ऐसी   , कर    पाओगे    कुछ    नहि    काम || 


_ संतोष कुमार तिवारी 












ज़िन्दगी जिंदादिली

ज़िन्दगी जिंदादिली                       

गुरुवार, 23 अप्रैल 2020

नन्हें बच्चे


नन्हें  बच्चे 


नन्हें बच्चों  तुमको करना है  | 
अभी बहुत ही काम || 
मेहनत एवं परिश्रम करके | 
जग में कर दो अपना नाम || 
पढ़ो लिखो तुम मेहनत से || 
फैला दो सब तरफ प्रकाश | 
कठिन परिश्रम करके | 
कर दो तुम अज्ञान का नाश || 
सत्य अहिंसा का पालन कर | 
फहराओ तुम यश की पताका || 
न्याय धर्म का पालन कर | 
अन्याय का तुम फोड़ोगे पटाका || 
धीर वीर इंसान बनो तुम | 
नहीं किसी का भय हो || 
कर्म धर्म में लिप्त रहो तुम | 
काम क्रोध से निर्भय हो || 
शान्ति को लाकर के बैठाओ | 
और अशान्ति को दूर भगाओ || 
आपस में सदभाव बनाओ | 
नहीं किसी को तुम सताओ || 

_ संतोष कुमार तिवारी 

कोरोना को हराना है

कोरोना को हराना है


ये   कैसी   विपत्ति   है   आई ,  सारे   जग   में   है   दहसत   सी   छायी | 

हो    मानव    जन   बंद   निज  घरो  में, बस  इसी  में  है सबकी भलाई || 

जो  किया  ना  पालन  घर  में  बंदी का तो ,सबको  होगी बहुत कठिनाई | 

ये    कोरोना  विषाणु  विषैला  बहुत , बन  सकी  है  न अब  तक  दवाई || 

सो   सब्र     मन     में     करो ,    सपरिवार    जन -जन   घर     में    रहो | 

बस   इसी    मे   है   सबकी   भलाई ,  बस   इसी   मे   है सबकी  भलाई|| 


_सन्तोष कुमार तिवारी 




बदल गया संसार

बदल गया संसार





बदल   गयी   ज़मी ,  ये   आसमा   बदल   गया |

आबो  हवा  बदल गयी, शामे सुबह बदल गया ||

खगो के बोल बदल गये,जनो के रोल बदल गये |

जब    घर  बदल   गये, तो   संसार  बदल  गया|

लोगो की   भावनाये,   और इमान   बदल  गया ||

शान्ति    बदल   गयी ,   ब्वहार    बदल    गया |

मै  और  क्या  बताऊ,सब  संसार  बदल गया ||

बदलाव     करो  बस्तु   का  , प्रकृति  का  नही|

सब  दिल  मिला  के  रहना, एक  छत के नीचे||

बदलाव    से   न , बाट   की  लकीर  न  खीचो...


_ सन्तोष कुमार तिवारी

भगवान वन्दना

भगवान वन्दना 





हे   दिगदिगंत,   हे   शक्तिमान|

हे       सार्वभौम,     सामर्थवान||

बहता   अविरल, अनवरत   ज्ञान|

चहुदिश      चंचल    चलायमान|

है     चक्षु  चपल, चंचरिक   सम||

कोमल चितवन,चहु ओर मुदित मन|

करते  नित  वंदन, देव  मनुज  जन ||

हे   परमानन्द ,   सच्चिदानंद   प्रभु|

तुमसर्व समर्थ,कण -कण में व्याप्त||

लो  बचा  जगत, करो कष्ट  समाप्त|

करो करुणा दया,अब जन-जन पर||

आखिर     सब     है,   तेरी   सन्तान|

करो सर्व  जगत, का  तुम  कल्याण||

करो   सर्व  जगत, का  तुम कल्याण||


_ सन्तोष कुमार तिवारी


शिव वंदना

 शिव वंदना  शिवम्   शिवे   हो  रूद्र   तुम   स्यवं      प्रबल     प्रबुद्ध   तुम , जटा      में      गंग     साजती  हैं       ...