गुरुवार, 23 अप्रैल 2020

बदल गया संसार

बदल गया संसार





बदल   गयी   ज़मी ,  ये   आसमा   बदल   गया |

आबो  हवा  बदल गयी, शामे सुबह बदल गया ||

खगो के बोल बदल गये,जनो के रोल बदल गये |

जब    घर  बदल   गये, तो   संसार  बदल  गया|

लोगो की   भावनाये,   और इमान   बदल  गया ||

शान्ति    बदल   गयी ,   ब्वहार    बदल    गया |

मै  और  क्या  बताऊ,सब  संसार  बदल गया ||

बदलाव     करो  बस्तु   का  , प्रकृति  का  नही|

सब  दिल  मिला  के  रहना, एक  छत के नीचे||

बदलाव    से   न , बाट   की  लकीर  न  खीचो...


_ सन्तोष कुमार तिवारी

1 टिप्पणी:

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शिव वंदना

 शिव वंदना  शिवम्   शिवे   हो  रूद्र   तुम   स्यवं      प्रबल     प्रबुद्ध   तुम , जटा      में      गंग     साजती  हैं       ...