हे राम
हे राम रमापति विष्णु प्रभु |
भव पालक तुम भव तारण हो ||
अखिलेश्वर ब्रम्ह समान हो तुम |
करुनानिधान सुखधाम प्रभु ||
करते नित वंदन सब तेरा |
गुण ज्ञान निधान समर्थ हो तुम ||
माया से परे मायापति हो |
लीलापति लीलाधार हो तुम ||
ऋषि मुनि गण सब जपते है तुम्हे |
करते सब पर उपकार प्रभु ||
करो दयादृष्टि अब भव जन पर |
करो व्याप्त कष्ट को समाप्त प्रभु ||
हर्षित हो उठे विश्व सारा |
कुछ ऐसी कृपा भगवान करो ||
आशा उम्मीद लिए जन -जन |
बस देख रहा प्रभु ओर ये मन ||
पुलकित कर दो मन गात प्रभु |
हम सब में यह विश्वास प्रभु ||
हे राम रमापति विष्णु प्रभु |
भव पालक तुम भव तारण हो ||
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_ सन्तोष कुमार तिवारी
It is very nice.
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