गुरुवार, 28 मई 2020

विश्व भूख दिवस world Hunger Day

विश्व भूख दिवस



भूख   अभिशाप   है ,निर्धनों   के   लिए | 
शोषितो    बंचितो  , निर्बलो    के  लिए || 

सब दुःखो का ये कारण, है उनके  लिए | 
हा नहीं  है निवारण, कुछ  उनके  लिए || 

भूख   के  लिए ,दर -दर  भटकता  रहा | 
शहर  दर  शहर  खुद ,को घिसता रहा || 

क्षुब्ध   पीड़ा   लिए  , मन  से  मरता रहा | 
आत्मा   जीवन  को, अपने  कोसता रहा || 

क्षुधा पूर्ति  को  जग से, वो  जूझता   रहा | 
वो  गिरता   मचलता  , सिसकता   रहा || 

रक्त   अश्रु    बने   , उसको  पीता रहा | 
खुद की    हस्ती ,  बनाता मिटाता रहा || 

दाना -दाना   वो, दिन भर  जुटाता  रहा | 
निज  उदर  अग्नि को, वह बुझाता  रहा || 

जिसके  लिए  जरूरी ,कुछ न संसार में | 
एक  रोटी  है सब  कुछ ,इस  ब्रमांड में || 

और  कुछ भी अधिक, ना समझाता है वो | 
एक   रोटी  के लिए, प्रयत्न   करता है वो || 

आओ  हम भी करे, इस अनुभव को सहन | 
छोड़े थोड़ा सा हिस्सा, करे भूख को वहन  || 

तो  करो   कुछ न्योछावर, अन्न उनके लिए | 
देगी  आत्मा   दुआ  , इस    भले   के लिए || 

खिल उठेगा जब भी , उनका निज अंतर्मन | 
फिर करेंगे जगत को, वो पुनि -पुनि  नमन || 

होगा    विश्वाश    गहरा , जीवन  जगत पर | 
चल उठेंगे  ख़ुशी से, वे निर्माण  के पथ पर || 

_ सन्तोष कुमार तिवारी 



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