सोमवार, 4 मई 2020

Martyr शहीद

शहीद 

आज         मन          बहुत     खिन्न     है | 
अंतर्मन             छिन्न         -    भिन्न    है || 
अश्रुपूरित    नयन    ,आत्म  उद्विगना   है || 

सुन        वीर   सपूतों  ,के   बलिदान को | 
क्रोध     पीणा    उमड़ता , हृदयस्थान में || 

रोज      सुनता  ,देखता   जवानो का  शव | 
मन  ,रुधिर में कौधती है बिजली सी अब || 

अब   सम्हाले   नहीं   है   सँभलता   ये मन | 
कुछ  करो   ऐसा  हो  जाये इनका   पतन || 

हा ,  पतन   इन  आतंकियों  का हो समूल | 
अब    इन्हे   कर    दो  , जड़   से    निर्मूल || 

खेल   इनका    सदा   के    लिए    बंद   हो | 
फिर   न    सैनिक  ,  परिवार   निर्बंश    हो || 

बस   गुजारिश   है   ,इतनी   सी  सरकार  से | 
रोक   लो     सर्वथा   ,  इस    अनाचार   को || 

हम    समर्पित    खड़े ,  देश    के   संग   में  | 
गर  जरूरत     पड़ी  ,  उतरेंगे     जंग    में ||  

बस     आवाज      देनी ,     है   तुमको    एक|  
दौड़े     आएंगे      वीर  ,  अनगिनत     अनेक || 

पल    में    नामो    निशा,    को     मिटा    देंगे 
जड़    से     आतंकवाद ,   को    निपटा    देंगे || 
जड़     से     आतंकवाद ,    को    निपटा   देंगे || 


_ सन्तोष कुमार तिवारी 



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

If you have any doubt pls let me know

शिव वंदना

 शिव वंदना  शिवम्   शिवे   हो  रूद्र   तुम   स्यवं      प्रबल     प्रबुद्ध   तुम , जटा      में      गंग     साजती  हैं       ...