मदर्स डे कविता हिंदी में
माँ जननी है ,जगदम्बा है |
बच्चो के लिए ,वह गंगा है ||
संतान की , प्रथम गुरु वह है |
गुरु से ऊपर ,स्थान है उसका ||
रखती करुणा , ममता समता |
बच्चों को समर्पित ,प्राण सर्वथा ||
थकती ना कभी , निज कर्मो से |
बच्चों का है ,रखती ध्यान सदा ||
देती है निवाला ,त्याग अपना |
रखती ऊपर ,संतति हित सदा ||
लालन पालन ,सब बच्चों का |
नियमित विधिवत , वह करती है ||
पर सब बच्चों से , मिलकर भी |
जब इकलौती ,माँ ना पलती है ||
उस वक़्त रोष ,मन में होता है |
झुँझलाहट तन , में होती है ||
हैं किस समाज, का हिस्सा हम |
बस प्रश्न कौंध , फिर उठते है ||
माता को प्रभु ,का दर्जा दो |
माता ना ,कुमाता होती है ||
चरणों में स्वर्ग ,सदा उसके |
विद्या सुख ,सम्पति देती है ||
सो करो ,वंदना माता की |
त्यागों अभिमान ,स्वार्थ अपना ||
गर करोगे ,सदा मातृ सेवा |
पूरा होगा हर ,एक सपना ||
_ सन्तोष कुमार तिवारी
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