शुक्रवार, 15 मई 2020

परिवार Family

परिवार  


परिवार   सदा  , बनता   फलता | 
दिल    से    दिल ,जुड़  जाने पर || 

विश्वास    त्याग    ,ममता   संतोष | 
सबके   हृदयो,   में   आने     पर || 

होती   अदृश्य , डोर   से     बँधी  | 
परिवार    सदस्यों   , के  सम्बन्ध || 

बांधे   रखती    ,सबको      सर्वथा | 
प्रेम    कुसुम   ,की   यह    सुगंध || 

घर   का   मुखिया ,सिंचित  करता | 
जड़  पत्ती   -पत्ती    ,डाली    -डाली 

देता    सिंचित   , करने    में   बहा | 
वह    खून   पसीना   ,कर  खाली || 

थाली      में    सबके  , हो    भोजन 
इसका  प्रबंध    ,वह    करता   है || 

निज  सुख इच्छा ,का करके त्याग | 
परिवार    के  , लिए    जूझता   है || 

सो करो सम्मान,घर के मुखिया का | 
दो    आदर   और, सत्कार अपना || 

परिवार   को ,रखो   खुश     अपने | 
दो   सदा -सदा,   योगदान अपना || 

_ सन्तोष कुमार तिवारी 



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